धान की नर्सरी तैयार करने की सबसे आसान तरीका

प्रिय किसान भाइयों यदि आप धान की खेती करते हैं और धान की खेती के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यह लेख  आपके लिए ही है। इस लेख में, हम धान की नर्सरी तैयार करने की सबसे अच्छी विधि की जानकारी आपको बताएँगे |

इस लेख को पढ़ने के बाद, और यह विधि से धान की नर्सरी तैयार करने के बाद आपको विश्वास नहीं होगा की आपने कितनी आसानी से धान की नर्सरी तैयार कर ली है , साथ ही में आप पाएंगे की आपने मजदूरी पर होने वाले खर्च को भी कितना कम कर लिया है |

किसान भाइयों आज तक आपने धान का रोपा तैयार करने के लिए पहले आप धान को 12 से 24 घंटे तक बीज को पानी में भिगो कर रखते थे, और फिर उसे पानी से बहार निकाल कर और अंकुरित करके फिर खेत में पानी भरकर उसको पडलिंग/मताकर ( खेत में कीचड करके ) फिर उसके बाद अंकुरित धान को वहां पर छिड़कर आप धान के लिए रोपा तैयार करते थे |

लेकिन इसमें होता यह है की जब आपकी नर्सरी तैयार होती है और जब आप उसे निकालते है तो उसकी जड़ नर्सरी में ही रह जाती है , और जिसके कारण उस पौधे को भोजन और पानी लेने में काफी समस्या का सामना करना पड़ता है |

अब जब आप इस बिना जड़ या फिर यूँ कहें की काफी कम जड़ वाले पौधे को खेत में रोप देतें हैं तो आप देखेंगे की आपकी धान की पौध दो-तीन दिनों बाद एकदम सूखी हुई दिखने लगती है ऐसा लगता है की पूरे खेत की धान पैरा या पुआल जैसे हो जाती है , और अब इसमें दुबारा जड़ों का विकास होने में 12 से 15 दिन का समय लग जाता है , जिसके कारण आपकी धान की अवधि 120 दिनों वाली 135 से 140 दिनों का समय लगा देती है , जिसके कारण आपकी आने वाली रबी की फसल की तैयारी में काफी देरी हो जाती है,और समय से बुवाई भी नहीं हो पाती है |

तो किसान भाइयों आज हम आपको बताएँगे की आप किस प्रकार से नर्सरी तैयार करें की आपकी पौधे की जड़ों को कोई नुक्सान भी न हो और आपकी पौध भी आसानी से बाहर निकल आए |

इसमें सबसे पहले आप जहाँ पर आपको नर्सरी तैयार करना है उस स्थान को समतल कर लेना है फिर उसमे एक बार कल्टीवेटर की सहायता से जुताई करनी है इसके बाद रोतावेटर की सहायता से मिटटी को भुरभुरा बना देना है |

अब इसमें 1 मीटर चौड़ा और लम्बाई आपके सुविधा अनुसार उथली क्यारियां बनाना है , अब इसमें ध्यान यह रखना है की आप जो क्यारी बना रहें हैं उसमे जो मेंढ़ होती है उसकी मिटटी को आप फावड़े की सहायता से उठा कर क्यारियों में सामान रूप से छिड़क देना है इससे आपकी क्यारियों के किनारे नाली भी बन जाएगी और क्यारी की ऊंचाई भी बढ़ जाएगी |

उथली क्यारी बनाने के बाद आपको अंकुरित हुआ बीज इस क्यारी के ऊपर छिडकाव करना है ,बीज छिड़कने के लिए इस बात का ध्यान रखना है की आप बीज को एक ही बार में न छिटक कर दो बारी में छिडकाव करेंगे इससे होगा की एक बार बीज डालने के बाद जो स्थान बीज बोने से छूट जाता है वह वापस से भर जायेगा अब बीज छिड़कने के बाद बीज को जूट के बोरों से या फिर हरी मेट ढँक देना है ताकि चिड़िया से बचाया जा सके , अब जो आपने नालियों का निर्माण किया था उसमे पानी देना है ध्यान रखना है की पानी केवल नालियों में ही देना है | जिसकी नमी मात्र भर से पौधे का विकास होगा |

अब आपकी पौध जब लगाने लायक हो जाएगी तब आप इसको निकलने जायेंगे आप देखेंगे की धान की पौध बहुत ही आसानी से पुरे जड़ों के साथ बाहर निकल रही है और एक या दो लेबर की सहयते से ही पूरी पौध निकल जाएगी आपको अधिक मजदुर भी नहीं लगाना पड़ेगा और आपकी पौध भी सही सलामत निकल जाएगी |

अब आप इसको खेतों में लगायेंगे तब आप पाएंगे की आपकी पौध को कोई भी नुकसान नहीं हुआ और धान के पौधे अपना हरापन भी बनाये हुए है |और आपकी फसल समय में पककर तैयार हो जाएगी |

किसान भाइयों इस विधि को आप एक बार अपना करके देखिये फिर आप कमेंट में बताना की इस विधि से आपको सच में कितना लाभ हुआ है |

आप इस जानकारी को अपने किसान भाइयों से भी साझा करें धन्यवाद |

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