किसान भाइयों क्या आप जानते हैं, कि धान की फसल में एक एसी अवस्था आती है, जिसमें धान की फसलों पर दवाओं या कीटनाशक का स्प्रे नहीं करना चाहिए | यदि इस अवस्था में फसलों पर स्प्रे किया जाये तो धान में न तो दूध बनता है और न ही ठीक ढंग से दानें बनते है | और हमारी धान की बालियाँ खली रह जाती है |

धान में स्प्रे के समय बरतें सावधानी
किसान भाइयों यह जानकारी छोटी सी भले हो लेकिन यह आपका नुकसान होने से बचा सकती है | साथ में यह भी बताएँगे की फसल की उस स्टेज में अगर हमें कोई रासायनिक दवाओं का स्प्रे करना पड़े तो दिन के किस समय करना चाहिए, जिससे की हमारी बालियाँ भी सुरक्षित रहे और हमारे खेत का रोग और कीट से सुरक्षा भी हो सके |
धान में परागण
धान की फसल में परागण का समय सुबह का होता है | यह समय सुबह के 8:०० बजे से लेकर 10:०० बजे के टाइम होता है | यह समय परागण के लिए पीक समय होता है, क्यूंकि इस समय वातावरण में हुमिडिटी रहता है जो कि पराग को एक्टिव करता है और परागण करने के लिए एक्टिव करता है | उस समय हमारी फसल हीट स्ट्रेस में भी नहीं रहता है क्यूंकि उस समय मौसम ठण्ड रहता है |
सुबह के समय धान के फूल खुले हुए होते है जिसमें स्व-परागण की क्रिया होती है | स्व-परागण का समय केवल आधे घंटे का होता है और फिर फूल का मुह बंद हो जाता है | इस प्रकार धान के पौधे में लगभग 97 से 98 % परागण स्व-परागण होता है | और फिर इसके बाद उसमें दूध बनेगा और जो बाद में दाने का रूप ले लेगा |
किसानों से होने वाली गलतियाँ
धान की इस अवस्था में पौधे पर विभिन्न प्रकार के कीट और रोग जैसे ( brown प्लांट हॉपर, लीफ ब्लास्ट, नैक ब्लास्ट, धान का आभासी कंडवा) आदि होने की आशंका पर धान के खेत में स्प्रे करने की जरुरत होती है | और हम दवा का स्प्रे इसी समय अवस्था पर कर देते है जिससे होता यह है कि रसायन पानी के साथ फूल के अन्दर भर जाता है जिससे कि परागण नहीं हो पाता है | और जी फूलों का मुह उस समय खुला था वो सभी फूल स्टेराइल (बंजर) हो जाते है | इस तरह किसान अपने फसल की सुरक्षा करने की चाह में जाने-अनजाने में खुद-बखुद अपना नुकसान कर लेते हैं |
इसका परिणाम यह होता है की आप बाद में देखेंगे की आपके धान की बालियाँ सूखी हुई दिखाई देती है, उनमें दानें नहीं बनते हैं |
धान में स्प्रे करने का सही समय
- जब धान के खेत में पौधे फूल की अवस्था में हो तब हमें स्प्रे लगभग दोपहर के 2:00 बजे के बाद करना चाहिए | इसकी चर्चा हम ऊपर के पैराग्राफ में कर चुके है | क्यूंकि सुबह का समय परागण का समय होता है |
- जन पौधे में धान की बालियाँ निकल आती है और उन बालियों में दानें भर जाते है तो इस अवस्था में दिन के किसी भी समय पर दवा का छिडकाव कर सकते हैं |
- और जब धान की फसल अपनी गोफ अवस्था (पौधे से बालियाँ निकलने से पहले के समय) में भी दिन के किसी भी समय पर दवा का स्प्रे कर सकते हैं |
तो किसान भाइयों यह जानकारी आपको कैसी लगी आप हमें कमेंट में जरुर बताएं और हमारे whatsapp चैनेल को फॉलो जरुर करें | जिससे की इसी प्रकार खेती बाड़ी की जानकारी आपको समय-समय पर मिलते रहे |