धान की फसल को चूहों से कैसे बचाएं दमदार ट्रिक्स खेत में 1 भी चूहा नहीं दिखेगा

धान की फसल को चुहीं के प्रकोप से कैसे बचाएं | dhaan ki fasal men chuhe ka niyantran खेतों से चूहे का नियंत्रण कैसे करें |

धान की फसल को चूहों से कैसे बचाएं यह सवाल हर किसान के मन में आता है क्यूंकि धान की फसल भारत में प्रमुख खाद्यान्न फसलों में से एक है। यह देश की खाद्य सुरक्षा और किसानों की आमदनी का मुख्य आधार है। लेकिन धान की फसल में कई प्रकार की समस्याएँ आती हैं, जिनमें से चूहे (Rodents) सबसे गंभीर समस्या हैं। चूहे धान की नर्सरी से लेकर फसल की कटाई तक भारी नुकसान पहुंचाते हैं। परंपरागत रसायनों का उपयोग करने से पर्यावरण और मिट्टी पर नकारात्मक असर पड़ता है। ऐसे में धान की फसल को चूहों से बचाने के जैविक उपाय किसानों के लिए एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प हैं।

धान की फसल में चूहों से होने वाले नुकसान

चूहे बीजों को उखाड़कर खा जाते हैं, जिससे अंकुरण कम होता है। फसल बढ़ने के बाद वे पौधों को कुतर देते हैं, जिससे पौधों की संख्या घट जाती है। दाने पकने पर चूहे खेत में बालियाँ काटकर नुकसान करते हैं। वे खेत में सुरंग बनाकर पानी की निकासी और सिंचाई व्यवस्था को भी खराब कर देते हैं। चूहे बोरवेल में लगे तार को भी कुतर देते हैं जिससे किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है |

धान की फसल को चूहों से बचाने के जैविक उपाय

1. उल्लुओं और बिल्लियों का संरक्षण

खेतों में उल्लू (Owl) और बिल्लियाँ प्राकृतिक रूप से चूहों के दुश्मन हैं। किसानों को चाहिए कि उल्लुओं के घोंसले नष्ट न करें। रात में उल्लू चूहों की संख्या नियंत्रित करने में मददगार होते हैं। बिल्लियाँ भी चूहों को पकड़ कर उनकी संख्या को नियंत्रित करने में सहायक होती है |

2. खेत की साफ-सफाई

खेत की मेड़ों और आसपास की झाड़ियों को समय-समय पर साफ रखें। झाड़ियों और खरपतवार में चूहे अधिक छिपते और प्रजनन करते हैं। मेंड़ों पर जो चूहे के बिल होते हैं वहां पर चूहे मरने की दवाई रख कर भी चूहों को नियंत्रण किया जा सकता है |

3. गहरी जुताई

धान की फसल लेने से पहले खेत की गहरी जुताई करने से चूहों के बिल नष्ट हो जाते हैं। ग्रीष्मकालीन जुताई में धूप से मिट्टी भी जीवाणुरहित होती है।

4. जैविक आकर्षण व फँदों का प्रयोग

लकड़ी या लोहे के चूहेदानी (Trap) का उपयोग करें। गेहूँ, चावल या मूंगफली को गुड़ और तेल और सीमेंट के साथ मिलाकर चारे के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। यह तरीका पूरी तरह से जैविक और सुरक्षित है।

5. सामूहिक नियंत्रण

यदि केवल एक किसान उपाय करता है तो प्रभाव कम होता है। पूरे गाँव या क्षेत्र के किसान मिलकर एक साथ चूहों के बिल नष्ट करें। सामूहिक प्रयास से चूहों की संख्या तेजी से घटती है।

6. जैविक प्रतिकारक पौधे

  • कुछ पौधे जैसे नीम, तुलसी, गेंदा आदि चूहों को खेत में आने से रोकते हैं।
  • खेत की मेड़ों पर इन पौधों की खेती करने से चूहों का प्रकोप कम होता है।

7. रासायनिक नियंत्रण

चूहों के रासायनिक नियंत्रण के लिए निम्न रसायन का प्रयोग कर सकते हैं | जिंक फास्फाइड का उपयोग चूहों के नियंत्रण के लिए किया जा सकता है |

जैविक उपायों के लाभ

  1. मिट्टी और पर्यावरण प्रदूषित नहीं होते।
  2. फसल पर कोई रसायन का अवशेष नहीं रहता।
  3. प्राकृतिक संतुलन बना रहता है।
  4. चूहों पर नियंत्रण लंबे समय तक होता है।
  5. किसानों की लागत भी कम आती है।

FAQ –

प्रश्न 1. धान की फसल में चूहों से सबसे ज्यादा नुकसान कब होता है ?
चूहे नर्सरी से लेकर पकने वाली अवस्था तक नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा हानि दाने बनने और पकने की अवस्था में होती है।

प्रश्न 2. धान में चूहों से बचने का सबसे आसान जैविक तरीका क्या है ?
खेत साफ रखना, गहरी जुताई करना और उल्लुओं को संरक्षण देना सबसे आसान और प्रभावी तरीके हैं।

प्रश्न 3. क्या चूहों को रोकने के लिए रासायनिक दवाओं का प्रयोग करना सही है ?
रसायन तुरंत असर करते हैं लेकिन इससे मिट्टी, पानी और पर्यावरण पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए जैविक उपाय अधिक सुरक्षित और टिकाऊ हैं।

प्रश्न 4. सामूहिक नियंत्रण क्यों जरूरी है ?
अगर केवल एक किसान उपाय करता है तो चूहे पड़ोसी खेतों से वापस आ जाते हैं। सामूहिक नियंत्रण से पूरे क्षेत्र में चूहों की संख्या घट जाती है।

प्रश्न 5 चूहे मरने के लिए रासायनिक दवा कौन की है ?
जिंक फास्फाइड |

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