पालक की खेती से कमाए मात्र 1 महीने में लाखो

Botanical Name: Spinacia oleracea, Family : Amaranthaceae
पालक (Spinach) एक प्रमुख हरी पत्तेदार सब्जी है, जो विटामिन – A , आयरन, कैल्शियम और खनिजों से भरपूर होती है। इसकी खेती करना आसान है, और यह किसानों को कम समय में अच्छा लाभ देती है। पालक से कई प्रकार के स्वादिष्ट भोज्य पदार्थ बनाये जाते हैं इसलिए पालक की मांग शहरों और गांवों दोनों जगह बनी रहती है, कम समय में अच्छा मुनाफा लेने के लिए इसकी खेती व्यावसायिक रूप से भी लाभकारी है।
पालक की खेती देश के विभिन्न हिस्से में की जाती है , विशेष रूप से पंजाब, हरयाणा, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश एवं कर्णाटक जैसे राज्यों में की जाती है |


उपयुक्त जलवायु :-

  • पालक विशेष रूप से ठंडी जलवायु की फसल है |
  • इसका विकास 15°C से 25°C तापमान पर सबसे अच्छा होता है |
  • गर्मियों में इसकी पत्तियां जल्दी फूलने (bolting) लगती हैं, इसलिए इसे सामान्यतः रबी और जाड़े के मौसम में बोया जाता है |
  • बरसात के मौसम में ढाल दार भूमि में इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है |

भूमि की तैयारी :-

पालक की खेती के लिए दोमट और बलुई दोमट भूमि सबसे उपयुक्त मानी जाती है |

  • खेत में पानी का निकास अच्छा होना चाहिए | जल भराब की स्थिति में फसल ख़राब होने के आशंका होती है |
  • खेत की जुताई 2–3 बार हल चलाकर भुरभुरी मिट्टी तैयार करें |
  • आखिरी जुताई में गोबर की सड़ी हुई खाद (20-25 टन/हेक्टेयर) मिलाना लाभकारी रहता है |

बीज दर और बुवाई की विधि :-

  • बीज दर: 25–30 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर पर्याप्त होता है |
  • बीज उपचार: बोने से पहले बीज को 6–8 घंटे पानी में भिगोने से अंकुरण अच्छा होता है |
  • बुवाई का समय:
    • उत्तरी भारत – अक्टूबर से फरवरी
    • दक्षिण भारत – सालभर बोया जा सकता है
  • बुवाई की विधि:
    • बीजों को कतारों में 25–30 सेमी की दूरी पर बोएं |
    • कतार में पौधों के बीच 5–7 सेमी दूरी रखें |
    • बीज को 2–3 सेमी गहराई पर बोना चाहिए |

सिंचाई प्रबंधन :-

  • पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करें |
  • इसके बाद हर 8–10 दिन पर सिंचाई करें |
  • गर्मियों में 5–6 दिन के अंतराल पर पानी दें |
  • खेत में पानी ठहरना नहीं चाहिए वरना फसल पीली पड़ जाती है |

खरपतवार नियंत्रण :

  • पालक की खेती लगभग 1 महीने की होती है इसलिए इसमें खरपतवार होने की स्थिति में हांथो से निराई गुड़ाई कर लें |

उर्वरक प्रबंधन :-

  • भूमि की तैयारी के समय 20–25 टन गोबर की खाद डालें।
  • साथ ही प्रति हेक्टेयर:
    • नाइट्रोजन: 60–80 किलोग्राम
    • फास्फोरस: 40–50 किलोग्राम
    • पोटाश: 40 किलोग्राम
  • नाइट्रोजन को 2–3 हिस्सों में बांटकर टॉप ड्रेसिंग(हांथो से छिडकाव) करें |

पालक में लगने वाले कीट एवं उनका नियंत्रण :-

  1. पत्ती खाने वाले कीट (Leaf Miner, Caterpillar)
    • लक्षण: पत्तियों में सुरंग बनाना या छेद करना |
    • नियंत्रण: नीम आधारित कीटनाशक (नीम ऑयल 5 मिली/लीटर पानी) का छिड़काव |
  2. एफिड (Aphids)
    • लक्षण: पत्तियां सिकुड़ना और पीली होना।
    • नियंत्रण: इमिडाक्लोप्रिड 0.5 मिली/लीटर पानी का छिड़काव |

रोग एवं उनका नियंत्रण :-

  1. पत्ती झुलसा (Leaf Blight)
    • लक्षण: पत्तियों पर भूरे रंग के धब्बे |
    • नियंत्रण: मैंकोजेब 2.5 ग्राम/लीटर पानी का छिड़काव |
  2. डाउऩी मिल्ड्यू (Downy Mildew)
    • लक्षण: पत्तियों के नीचे सफेद फफूंद और ऊपर पीले धब्बे |
    • नियंत्रण: मेटालेक्सिल 1.5 ग्राम/लीटर पानी का छिड़काव |


कटाई और उपज :-

  • बुवाई के 25–30 दिन बाद पहली कटाई की जा सकती है।
  • इसके बाद हर 20–25 दिन पर कटाई की जा सकती है।
  • औसत उत्पादन: 100–150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।

पालक की खेती के फायदे :-

  • कम समय में तैयार हो जाती है (30–40 दिन) |
  • साल में कई बार बोई जा सकती है |
  • बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है |
  • स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है |

FAQ

प्र.1: पालक की खेती के लिए किस प्रकार की मिट्टी उपयुक्त होती है ?
उत्तर: पालक की खेती के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है | इसमें जल निकास अच्छा होना चाहिए |

प्र.2: पालक की बुवाई का सही समय कौन-सा है ?
उत्तर: उत्तरी भारत में पालक की बुवाई अक्टूबर से फरवरी तक की जाती है | दक्षिण भारत में इसकी खेती सालभर की जा सकती है |

प्र.3: पालक की खेती के लिए बीज दर कितनी चाहिए ?
उत्तर: एक हेक्टेयर भूमि के लिए लगभग 25–30 किलोग्राम बीज पर्याप्त होता है |

प्र.4: पालक की पहली कटाई कब की जा सकती है ?
उत्तर: बुवाई के लगभग 25–30 दिन बाद पालक की पहली कटाई की जा सकती है |

प्र.5: पालक में कौन-कौन से प्रमुख रोग लगते हैं ?
उत्तर: पालक में पत्ती झुलसा (Leaf Blight) और डाउऩी मिल्ड्यू (Downy Mildew) प्रमुख रोग हैं |

प्र.6: पालक में कीटों का नियंत्रण कैसे करें ?
उत्तर: एफिड और पत्ती खाने वाले कीटों के नियंत्रण के लिए नीम आधारित कीटनाशक या इमिडाक्लोप्रिड का छिड़काव किया जाता है |

प्र.7: पालक की सिंचाई कब-कब करनी चाहिए ?
उत्तर: पहली सिंचाई बुवाई के तुरंत बाद करनी चाहिए और उसके बाद 8–10 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए |गर्मियों में 5–6 दिन पर सिंचाई करनी पड़ती है |

प्र.8: पालक की औसत उपज कितनी मिलती है ?
उत्तर: अच्छी खेती प्रबंधन के साथ 100–150 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उपज मिल सकती है |

प्र.9: पालक की खेती के क्या फायदे हैं ?
उत्तर: पालक तेजी से बढ़ने वाली हरी पत्तेदार सब्जी है, जिसकी बाजार में सालभर मांग रहती है | कम समय और कम लागत में अधिक मुनाफा मिलता है |

प्र.10: क्या पालक को सालभर उगाया जा सकता है ?
उत्तर: हाँ, ठंडी और गर्म दोनों जलवायु में पालक उगाया जा सकता है, लेकिन अत्यधिक गर्मी में यह जल्दी फूलने लगता है |

WhatsApp Channel Join Now
Telegram Channel Join Now
JoinButtons.txt Displaying JoinButtons.txt.

1 thought on “पालक की खेती से कमाए मात्र 1 महीने में लाखो”

Leave a Comment