परिचय :-
पपीता केवल एक स्वादिष्ट फल ही नहीं, बल्कि इसका हर भाग औषधीय गुणों से भरपूर है। खासकर पपीते के पत्ते के फायदे जूस के रूप में आजकल तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, डेंगू जैसी बीमारियों के इलाज में इसके चमत्कारी परिणाम देखे गए हैं। आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में पपीते के पत्तों को विशेष स्थान प्राप्त है।
आइये आज हम जानेंगे कि :-
- पपीते के पत्तों का रस क्या है ?
- इसके स्वास्थ्य लाभ क्या हैं ?
- इसे बनाने की विधि क्या है ?
- किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?

पपीते के पत्तों का जूस क्या है?
पपीते के कच्चे, हरे पत्तों को पीसकर या काढ़ा बनाकर जो तरल निकाला जाता है, वही पपीते के पत्तों का रस कहलाता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटीवायरल, और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
पपीते के पत्तों के जूस के फायदे (Benefits of Papaya Leaf Juice)
1. डेंगू में प्लेटलेट्स बढ़ाने में सहायक
- पपीते के पत्तों का रस डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने में मदद करता है।
- यह खून में मौजूद विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी सहायक है।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
- इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं।
- वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में सहायता करता है।
3. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
- पपीते की पत्तियों में “पपेन” और “काइमोपपेन” नामक एंजाइम होते हैं जो भोजन को पचाने में मदद करते हैं।
- गैस, एसिडिटी और कब्ज जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।
4. लिवर को डिटॉक्स करता है
- यह लिवर की सफाई करता है और उसे स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है।
- हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों में भी उपयोगी माना जाता है।
5. मधुमेह (डायबिटीज) में सहायक
- पत्तियों का रस ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- यह अग्न्याशय (Pancreas) के कार्य को सुचारू करने में सहयोग देता है।
6. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी
- यह रस त्वचा को साफ और चमकदार बनाता है।
- बालों के झड़ने और डैंड्रफ में उपयोगी माना जाता है।
पपीते के पत्तों का जूस बनाने की विधि (How to Make Papaya Leaf Juice)
आवश्यक सामग्री:-
- 4–5 ताजे, हरे और साफ पपीते के पत्ते |
- पानी (आवश्यकतानुसार)|
बनाने की विधि:-
- सबसे पहले पत्तियों को अच्छी तरह धो लें ताकि धूल और कीटाणु हट जाएं।
- पत्तियों को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें।
- मिक्सर में थोड़ा पानी डालकर पत्तियों को पीस लें।
- इस पेस्ट को मलमल के कपड़े या छलनी की मदद से छान लें।
- रस तैयार है। इसे तुरंत सेवन करें।
खुराक:-
- 1 से 2 चम्मच दिन में 2 बार (डॉक्टर की सलाह अनुसार) |
- अधिक सेवन करने से पेट में जलन या उल्टी हो सकती है, इसलिए सीमित मात्रा में लें |
पपीते के पत्तों का जूस पीने में सावधानियाँ (Precautions)
- गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताएं इसे न लें।
- रक्त पतला करने की दवाएं ले रहे मरीज डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
- खाली पेट इसका सेवन न करें।
- 5 साल से कम उम्र के बच्चों को न दें।
आवश्यक सलाह:-
पपीते के पत्तों का रस एक प्राकृतिक और शक्तिशाली औषधि है, जो कई गंभीर बीमारियों में लाभकारी हो सकता है। हालांकि यह घरेलू उपाय है, लेकिन इसका सेवन सोच-समझकर और सीमित मात्रा में करना चाहिए। अगर आप डेंगू, पाचन या इम्यून सिस्टम की समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह से इस रस का सेवन कर सकते हैं।
FAQs
1. पपीते के पत्ते का जूस क्या होता है ?
पपीते के पत्तों से तैयार किया गया एक हर्बल जूस है, जिसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, खासकर डेंगू और प्लेटलेट बढ़ाने के लिए प्रसिद्ध है।
2. पपीते के पत्ते का जूस किन बीमारियों में फायदेमंद है ?
- डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करता है |
- लीवर को डिटॉक्स करता है |
- पाचन में सुधार करता है |
- इम्यूनिटी बढ़ाता है |
3. पपीते के पत्ते का जूस कैसे बनाया जाता है ?
ताजे और साफ पपीते के पत्तों को धोकर पीस लिया जाता है और उसका रस छानकर लिया जाता है। स्वाद में कड़वा होता है, इसलिए थोड़ी शहद या नींबू का रस मिलाया जा सकता है।
4. पपीते के पत्ते का जूस कब पीना चाहिए ?
सुबह खाली पेट या डॉक्टर की सलाह के अनुसार, खासकर तब जब प्लेटलेट्स कम हों या शरीर कमजोर हो।
5. क्या पपीते के पत्ते के जूस के कोई साइड इफेक्ट हैं ?
ज्यादा मात्रा में लेने से उल्टी, दस्त या पेट दर्द हो सकता है। गर्भवती महिलाओं और छोटे बच्चों को बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
6. डेंगू में पपीते के पत्ते का जूस कितनी मात्रा में लेना चाहिए ?
आमतौर पर दिन में 2-3 बार 20-30 मिली जूस लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन सही मात्रा डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करती है।
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