भारत में फूलगोभी सब्जियों का राजा मानी जाती है। इसकी मांग पूरे साल बनी रहती है, लेकिन बरसात में फूलगोभी की खेती करना किसानों के लिए सबसे ज्यादा लाभदायक साबित होता है। सही किस्म, सही तकनीक और उचित प्रबंधन से किसान बरसात में फूलगोभी की खेती करके दुगना मुनाफा कमा सकते हैं।

फूलगोभी की खेती का महत्व और लोकप्रियता
भारत में फूलगोभी की खपत और बाजार मांग
भारत फूलगोभी उत्पादन में दुनिया के अग्रणी देशों में गिना जाता है। यह हर छोटे-बड़े शहर की रसोई का हिस्सा है और सालभर इसकी मांग बनी रहती है | बरसात में उगाई गई फूलगोभी जल्दी तैयार होती है और बाजार में अच्छी कीमत दिलाती है क्योंकि इस समय इसकी आपूर्ति कम होती है।
तापमान और नमी की आवश्यकताएँ
फूलगोभी की अच्छी फसल के लिए 15°C से 25°C तापमान सबसे उपयुक्त रहता है। ज्यादा गर्मी या पाला इसके लिए नुकसानदायक है।
वर्षा का प्रभाव और सिंचाई प्रबंधन
बरसात के मौसम में ज्यादा पानी से जड़ों में सड़न की समस्या हो सकती है। इसलिए खेत में उचित जल निकासी की व्यवस्था जरूरी है।
फूलगोभी की खेती के लिए दोमट और जल निकासी वाली मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। pH स्तर 6.0 से 7.0 उपयुक्त है। खेती शुरू करने से पहले खेत की गहरी जुताई करें और गोबर की खाद 20-25 टन प्रति हेक्टेयर डालें। बारिश के महीनों में एक बात का और ध्यान रखना होता है कि, खेत हल्का ढाल-दार होना चाहिए, जिससे कि खेत में पानी इकट्ठा न हो पाए |
बरसात के लिए उपयुक्त फूलगोभी की किस्में

बीज उपचार और नर्सरी प्रबंधन
बीज की मात्रा और बोआई विधि
एक हेक्टेयर के लिए लगभग 500-600 ग्राम बीज पर्याप्त होते हैं।
पौधशाला की देखभाल
बीज बोने से पहले कार्बेन्डाजिम या ट्राइकोडर्मा से बीज उपचार करना चाहिए ताकि फफूंद रोग न लगें। नर्सरी के स्थान पर एक सुरक्षा के लिए पन्नी की व्यवस्था भी करे रहें जिससे की तेज बारिश के समय नर्सरी को ढक सकें |
पौध रोपाई और दूरी
पौधों के बीच उचित दूरी
फूलगोभी की रोपाई 45×45 सेंटीमीटर की दूरी पर करें।
रोपाई का समय और तकनीक
बरसात की शुरुआत के 25-30 दिन बाद पौध तैयार हो जाती है। इस समय रोपाई करना सबसे उपयुक्त होता है।
खाद और उर्वरक प्रबंधन
गोबर की सड़ी खाद या कम्पोस्ट मिट्टी की उर्वरता बढ़ाती है। नत्रजन 100 किग्रा, फॉस्फोरस 60 किग्रा और पोटाश 60 किग्रा प्रति हेक्टेयर देना लाभकारी होता है।
सिंचाई और जल निकासी व्यवस्था
फूलगोभी पानी में डूबने से जल्दी खराब हो जाती है। खेत में नालियां बनाकर पानी बाहर निकालना जरूरी है। बरसात कम होने पर ड्रिप सिंचाई से नमी बनाए रखना आसान होता है।
फूलगोभी की फसल सुरक्षाकीट प्रबंधन (फली छेदक, तना छेदक)
नीम का तेल और फेरोमोन ट्रैप का उपयोग कीट नियंत्रण में प्रभावी है।
रोग प्रबंधन (डाउनी मिल्ड्यू, झुलसा रोग)
कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करके रोगों को रोका जा सकता है।
खरपतवार नियंत्रण के उपाय
हाथ से निराई-गुड़ाई
बरसात के मौसम में खरपतवार तेजी से उगते हैं, जिससे फसल की वृद्धि प्रभावित होती है। इसलिए 20-25 दिन के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करनी चाहिए।
रसायनिक खरपतवार नाशक
पेंडिमेथालिन जैसे शाकनाशी का छिड़काव शुरुआती अवस्था में करने से खरपतवार नियंत्रित रहते हैं।
फूलगोभी की कटाई और उत्पादन
फसल कटाई का सही समय
जब फूल सफेद, कॉम्पैक्ट और पूरी तरह विकसित हो जाएं, तब कटाई करनी चाहिए। देर से कटाई करने पर फूल ढीले पड़ जाते हैं और बाजार मूल्य कम हो जाता है।
औसत उत्पादन और उपज बढ़ाने के टिप्स
सही तकनीक अपनाने पर प्रति हेक्टेयर 200-250 क्विंटल तक उत्पादन लिया जा सकता है। समय पर रोपाई, संतुलित खाद और रोग नियंत्रण उपज बढ़ाने के मुख्य उपाय हैं।
बरसात में फूलगोभी की खेती से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव
- बीज बोने से पहले अवश्य उपचार करें।
- खेत में जल निकासी की उचित व्यवस्था रखें।
- समय-समय पर कीट और रोग की निगरानी करें।
- समय पर कटाई करें ताकि फूल की गुणवत्ता बनी रहे।
- बाजार की मांग को ध्यान में रखकर किस्म का चयन करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. बरसात में फूलगोभी की कौन-सी किस्में सबसे अच्छी होती हैं?
पूसा दीपाली, पूसा हिम ज्योति और पूसा शरद बरसात के लिए उपयुक्त किस्में हैं।
Q2. फूलगोभी की खेती के लिए कितनी खाद डालनी चाहिए?
गोबर की खाद 20-25 टन और NPK संतुलित मात्रा में देना चाहिए।
Q3. बरसात में फूलगोभी की फसल को रोगों से कैसे बचाएं?
बीज उपचार, नीम का तेल और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड का छिड़काव करने से रोगों से बचाव होता है।
Q4. एक हेक्टेयर में फूलगोभी की औसत उपज कितनी होती है?
औसतन 200-250 क्विंटल उपज मिलती है।
Q5. फूलगोभी की कटाई का सही समय कौन सा है?
जब फूल पूरी तरह सफेद और कॉम्पैक्ट हो जाएं तब कटाई करनी चाहिए।
Q6. बरसात में खेती करने से किसान को कितना मुनाफा हो सकता है?
40-50 हजार रुपये की लागत पर किसान 1.5-2 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।
Note :- किसान भाइयों यह जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट में जरुर बताएं | इसी प्रकार की खेती बाड़ी से जुडी जानकारी के लिए नीचे दिए गए whatsapp चैनल को फॉलो जरुर करें धन्यवाद |